समास: हिंदी व्याकरण का मास्टरक्लास | हर परीक्षा के लिए जरूरी!


 


हिंदी व्याकरण में समास एक महत्वपूर्ण विषय है। यह न केवल शब्दों को संक्षिप्त और प्रभावी बनाता है, बल्कि भाषा को अधिक सुंदर और सारगर्भित भी बनाता है। यदि आप हिंदी भाषा और साहित्य की गहराई में उतरना चाहते हैं, तो समास का ज्ञान अत्यंत आवश्यक है।


समास क्या है?

समास संस्कृत भाषा का शब्द है, जिसका अर्थ होता है ‘संक्षेप’। जब दो या दो से अधिक शब्द अपने बीच के विभाजक तत्वों (जैसे - विभक्ति चिन्ह) को हटाकर नए और सार्थक शब्द का निर्माण करते हैं, तो उसे समास कहते हैं।

🔹 उदाहरण: ✅ जल + थल → जलथल (जल और थल का संयुक्त रूप)
✅ राज + कुमार → राजकुमार (राजा का पुत्र)

समास का सही उपयोग भाषा को प्रभावी और संक्षिप्त बनाता है। हिंदी भाषा में कई प्रकार के समास होते हैं, जिनका उपयोग साहित्य, लेखन और बोलचाल में किया जाता है।


समास के प्रकार

हिंदी व्याकरण में समास को छह प्रमुख भागों में बाँटा गया है:

1️⃣ अव्ययीभाव समास 2️⃣ तत्पुरुष समास 3️⃣ कर्मधारय समास 4️⃣ द्वंद्व समास 5️⃣ द्विगु समास 6️⃣ बहुव्रीहि समास

इनमें से हर एक समास का उपयोग और महत्व अलग-अलग संदर्भों में होता है। अब हम प्रत्येक समास को विस्तार से समझेंगे।


1️⃣ अव्ययीभाव समास

परिभाषा

जब समास में पहला पद अव्यय (अपरिवर्तनीय शब्द) होता है और पूरा समास अव्यय के रूप में ही प्रयोग किया जाता है, तो उसे अव्ययीभाव समास कहते हैं।

🔹 उदाहरण:
✅ उप + मार्ग → उमर्ग (मार्ग से हटकर)
✅ प्रति + दिन → प्रतिदिन (हर दिन)
✅ यथासमय → समय के अनुसार
✅ सदा + सुखी → सदासुखी
✅ जैसे + को → जैसाकि

📌 विशेषताएँ: ✔ पहला पद हमेशा अव्यय होता है।
✔ संपूर्ण शब्द अव्यय की तरह प्रयुक्त होता है।
✔ इस समास से अर्थ में विशेषता आती है।
✔ यह अधिकतर संस्कृत से लिए गए शब्दों में देखा जाता है।

अव्ययीभाव समास के प्रकार

  1. उपसर्गपूर्वक अव्ययीभाव समास – जिसमें उपसर्ग जोड़कर समास बनता है। (जैसे – परलोक, प्रतिदिन)

  2. निजी अव्ययीभाव समास – जिसमें पहले पद का अर्थ अव्यय रहता है। (जैसे – सदैव, यथासंभव)


2️⃣ तत्पुरुष समास

परिभाषा

जब समास में दूसरा पद प्रधान होता है और पहला पद उसकी विशेषता बताता है, तो उसे तत्पुरुष समास कहते हैं।

📌 तत्पुरुष समास के 6 प्रकार होते हैं:

1️⃣ करण तत्पुरुष → हाथ से लिखा (हस्तलिखित)
2️⃣ संबंध तत्पुरुष → पिता का घर (पितृगृह)
3️⃣ अपादान तत्पुरुष → पर्वत से गिरा (पर्वतपतन)
4️⃣ द्वितीया तत्पुरुष → भोजन किया (भोजनभुक्त)
5️⃣ संप्रदान तत्पुरुष → गुरू को दिया (गुरुप्रदान)
6️⃣ सप्तमी तत्पुरुष → कक्षा में बैठा (कक्षागत)

🔹 अन्य उदाहरण:
✅ देव + लोक → देवलोक
✅ माता + प्रेम → मातृप्रेम
✅ जल + कुआँ → जलकुंभी

📌 विशेषताएँ: ✔ पहला शब्द विशेषण की भूमिका निभाता है।
✔ विभक्ति चिन्ह हटाने पर तत्पुरुष समास बनता है।
✔ नया शब्द अर्थ को संक्षिप्त करता है।
✔ यह हिंदी भाषा में सबसे अधिक प्रयोग किया जाने वाला समास है।


3️⃣ कर्मधारय समास

परिभाषा

जब समस्त पदों में से पहला पद विशेषण (गुण, जाति, रूप आदि) और दूसरा पद संज्ञा होता है, तो उसे कर्मधारय समास कहते हैं। इस समास में दोनों पदों का स्वतंत्र अर्थ बना रहता है।

🔹 उदाहरण:
✅ नील + कमल → नीलकमल (जो कमल नीले रंग का है)
✅ राज + महल → राजमहल (राजा का महल)
✅ महा + पुरुष → महापुरुष (जो महान व्यक्ति है)
✅ श्वेत + अश्व → श्वेताश्व (जो सफेद घोड़ा है)

📌 विशेषताएँ: ✔ पहला पद विशेषण तथा दूसरा पद संज्ञा होता है।
✔ यह समास ‘कैसा’ या ‘कौन-सा’ प्रश्न का उत्तर देता है।
✔ दोनों शब्दों का स्वतंत्र अर्थ बना रहता है।


4️⃣ द्वंद्व समास

परिभाषा

जब दो पद समान रूप से महत्वपूर्ण होते हैं और उनका प्रयोग ‘और’ के अर्थ में होता है, तो उसे द्वंद्व समास कहते हैं।

🔹 उदाहरण:
✅ राम और लक्ष्मण → राम-लक्ष्मण
✅ सुख और दुख → सुख-दुख
✅ दिन और रात → दिन-रात
✅ शीत और गर्म → शीत-गर्म
✅ माता और पिता → माता-पिता

📌 विशेषताएँ: ✔ दोनों पद समान रूप से महत्वपूर्ण होते हैं।
✔ समास का प्रयोग ‘और’ के अर्थ में होता है।
✔ द्वंद्व समास वाले शब्द सामान्यतः विपरीतार्थक होते हैं।


5️⃣ द्विगु समास

परिभाषा

जब समास का पहला पद संख्यावाचक शब्द होता है, तो उसे द्विगु समास कहते हैं।

🔹 उदाहरण:
✅ चार + वेद → चतुर्वेद
✅ तीन + लोक → त्रिलोक
✅ सात + समुद्र → सप्तसागर
✅ नौ + ग्रह → नवग्रह
✅ बारह + मास → द्वादशमास


6️⃣ बहुव्रीहि समास

परिभाषा

जब समस्त पद में से कोई भी शब्द प्रधान न होकर कोई अन्य अर्थ निकलता है, तो उसे बहुव्रीहि समास कहते हैं।

🔹 उदाहरण:
✅ चंद्रमा के समान मुख → चंद्रमुखी
✅ जिसके घर घोड़ा हो → अश्वगृही
✅ जिसका रंग नीला हो → नीलकंठ



समास हिंदी व्याकरण का महत्वपूर्ण विषय है। यह शब्दों को संक्षिप्त और प्रभावी बनाता है। सही समास पहचानने से वाक्यों का अर्थ अधिक स्पष्ट होता है।

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About Author

Himanshu Raj is a passionate student from Bihar exploring the world of technology and web development. When not studying, he experiments with coding projects and shares his learning journey to help fellow beginners.

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